सोमवार, 12 दिसंबर 2016

यादव समाज की 190 प्रतिभाओं का हुआ सम्मान, पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव और निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने किया सम्मानित


यादव (अहीर) समाज, जोधपुर  द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, जोधपुर में 27 नवम्बर, 2016  को प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली यदुवंशी प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवम राजस्थान यादव महासभा  अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह यादव ने कहा कि, कोई भी समाज अपनी होनहार प्रतिभाओं के बलबूते ही समृद्ध होता है और उन प्रतिभाओं प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनका मनोबल बढ़ता है एवं समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। डॉ. कर्ण सिंह ने अपने उद्बोधन में बालिका शिक्षा और देश निर्माण में उनकी बढ़ती महती भूमिका की चर्चा करते हुये समाज में उनके नये कर्तव्य निर्माण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि युवाओं की  सशक्त और सजग भागीदारी ही समाज और राष्ट्र को समृद्ध बना सकती है। महान् कर्मयोगी भगवान् श्री कृष्ण ने गीता में इसीलिए कर्म के भाव को ही अपनाने पर जोर दिया। ऐसे में युवाओं की महती जिम्मेदारी है कि वे अपनी इस भूमिका को पहचानें  और इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए नए आयाम रचें। जोधपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री मोहनलाल यादव ने शिक्षा और समाज विकास के सम्बन्ध को बताते हुए शिक्षा और कौशल विकास से  समाज व  राष्ट्र निर्माण की चर्चा की।
इस अवसर पर यादव (अहीर) समाज द्वारा पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न जिलों के उच्चतर कक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्रदान करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित प्रतिभाओं, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न खेलों में स्थान पाने वाली प्रतिभाओं, समाज सेवा में तत्पर और भामाशाहों सहित कुल 190 प्रतिभाओं को  पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव  और निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित किया। आजीवन सदस्यता ग्रहण  करने वाले सदस्यों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. रामरतन यादव ने बताया कि समाज के भावी कार्यक्रमों में छात्रावास निर्माण, मेडिकल कैम्प, नवयुवक-नवयुवती परिचय सम्मलेन के  आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम में स्वागत संबोधन और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में  यादव समाज के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव और सचिव श्री परविन्दर यादव,  आभार ज्ञापन  कर्नल  पी.सी. यादव एवम  कार्यक्रम का संचालन श्री नन्द किशोर द्वारा किया गया। 

समारोह में श्री रामनेरश यादव, निदेशक, वाई.सी.एल., श्री बी.एस. यादव, प्रधानाचार्य डी.पी.एस स्कूल, जोधपुर,  श्री निहाल सिंह, श्री गोपाल यादव, श्री सुरेश यादव , मदन सिंह यादव सहित यादव समाज के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।





शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

डाक विभाग के निदेशक व साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव का साहित्य समिति ने किया अभिनंदन

प्रशासन के साथ साहित्य का अद्भुत संगम विरले ही देखने को मिलता है। इसके बावजूद तमाम प्रशासनिक अधिकारी अपनी व्यस्तताओं के मध्य हिन्दी साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं। उक्त उद्गार साहित्य समिति, सादुलपुर, चूरू द्वारा निराला अस्पताल में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ एवं साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव के सम्मान एवं अभिनंदन के दौरान वक्ताओं ने व्यक्त किये। 

साहित्य समिति के मंत्री  अनिल शास्त्री ने कहा कि डाक विभाग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के साथ ही श्री कृष्ण कुमार यादव राष्ट्रीय स्तर के खयातनाम साहित्यकार भी हैं, ऐसे में उनका सम्मान हमारे लिए गौरव की बात है। 
इस अवसर पर श्री यादव की पत्नी एवं अग्रणी महिला ब्लॉगर व लेखिका आकांक्षा यादव का भी लाजवंती घोटड व गायत्री बैरासर ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। वहीं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकुमार घोटड ने समिति की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव युगल रूप में हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते हुए विभिन्न विधाओं में निरंतर लेखन कर रहे हैं। 

इस अवसर पर साहित्यकार संतोष कुमार जांगिड़, सत्यभान पूनियाँ, अनिता सोनी ने अपनी साहित्य कृतियां श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को भेंट की। इसके अलावा लघुकथा त्रैमासिक पत्रिका ‘सारा’ की हाल ही में प्रकाशित लघुकथा विशेषांक की प्रति भेंट की गई। कार्यक्रम में स्थानीय डाकपाल बलवीर सिंह, रामवतर बैरासरिया, पुरुषोत्तम  देव पाण्डिया, सुनील अग्रवाल, सांवरमल भार्गव, विजय कुमार सोनी आदि ने भी श्री यादव का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल शास्त्री ने किया। 





बुधवार, 23 नवंबर 2016

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव का निधन

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व गवर्नर रामनरेश यादव का 22 नवम्बर, 2016 को लखनऊ में निधन हो गया। 89 साल के राम नरेश यादव का  लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके फेफड़े में इन्‍फेक्‍शन था। 

किसानों की बने थे आवाज, 1977 में मिली थी सीएम की कुर्सी
- जुलाई 1928 में यूपी के आजमगढ़ में रामनरेश का जन्म हुआ था।
- राम नरेश पहली बार चौधरी चरण सिंह की मदद से 1977 में जनता पार्टी के सीएम बने थे। रामनरेश यादव 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे। वे किसानों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे।
- उनको राजनीतिक माहौल घर से ही मिला था, क्योंकि उनके पिता गया प्रसाद महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे। 
- उन्‍होंने बीएचयू से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की और यहीं छात्र संघ की राजनीति से भी जुड़े रहे। 
- इसके बाद कुछ वक्त के लिए वे जौनपुर के पट्टी स्थित नरेंंद्रपुर इंटर कॉलेज में प्रवक्ता भी रहे। 1953 में उन्‍होंने आजमगढ़ में वकालत की शुरुआत की।
- रामनरेश ने समाजवादी विचारधारा के तहत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धांत, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी और खर्च की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आंदोलनों को लेकर कई बार गिरफ्तारियां दीं। 
- इमरजेंसी के दौरान वे मीसा और डीआईआर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केंद्रीय कारागार नैनी, इलाहाबाद में बंद रहे।
- रामनरेश 1988 में राज्यसभा सदस्य बने और 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अंदर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री और अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ली।
- लखनऊ स्थित अंबेडकर यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनि‍वर्सिटी का दर्जा दिलाने में भी उनका अहम योगदान था।

इसी साल रामनरेश की आई थी किताब
- इसी साल अगस्‍त महीने में रामनरेश यादव की पहली किताब 'मेरी कहानी' सामने आई थी।
- इस किताब में उन्‍होंने कांग्रेस में आने, सीएम बनने और यूपी में उनके सीएम रहते समय हुए सांप्रदायिक दंगों को सुलझाने के घटनाक्रम के बारे में बताया था। 
- हालांकि, किताब में मप्र के गवर्नर रहते हुए उन्होंने अपने दामन पर आए व्यापमं के छींटों का कोई जिक्र नहीं किया था।
ऐसा था रामनरेश का कार्यकाल
- 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे।
- जून 2014 से 19 जुलाई 2014 तक छतीसगढ़ के गवर्नर रहे।
- 26 अगस्‍त 2011 से 7 सितंबर 2016 तक मध्‍य प्रदेश के गवर्नर रहे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव जी के निधन के साथ ही समाज और देश ने एक कद्दावर जननेता खो दिया है।  उनके निधन पर हार्दिक श्रद्धांजलि !!

सोमवार, 31 अक्तूबर 2016

हिन्दी ब्लॉगिंग में नए आयाम रचता एक परिवार

हिंदी में ब्लागिंग का तेजी से विस्तार हो रहा है. आज ब्लागिंग प्रिंट-मिडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में चर्चा में है, तो ब्लागिंग को लेकर तमाम विश्लेषण भी हो रहे हैं. ब्लागिंग को लेकर तमाम सम्मान-पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं. इनमें से कुछेक प्रतिष्ठित पुरस्कार ब्लागिंग से जुड़े लोगों द्वारा हैं तो कुछेक राजकीय तौर पर या न्यूज चैनलों द्वारा. हिंदी-ब्लागिंग में एक ऐसा भी परिवार सक्रिय है, जिसकी तीन पीढियां ब्लागिंग में सक्रिय हैं. यह सक्रियता मात्र ब्लॉग चलाने तक ही नहीं है, बल्कि ब्लागिंग को लेकर चल रहे विमर्श में शामिल होने, ब्लागिंग को साहित्य के साथ-साथ सरोकारों से जोड़ने, ब्लॉग पर विविध विषयों पर पोस्ट लिखने से लेकर ब्लागिंग से तमाम लोगों को जोड़ने तक शामिल है. पर सबसे बड़ी बात यह है कि इस परिवार को ही अब तक हिंदी ब्लागिंग से जुड़े सबसे ज्यादा सम्मान भी प्राप्त हुए हैं. ये सम्मान ब्लागिंग से जुडी संस्थाओं से लेकर न्यूज-चैनल और भारत सरकार तक प्रदान किये गए हैं. 

इस परिवार में शामिल हैं- कृष्ण कुमार यादव, उनकी पत्नी आकांक्षा यादव और सुपुत्री अक्षिता (पाखी). वे अपने व्यक्तिगत ब्लॉग के साथ-साथ कई ब्लॉगों से भी जुड़े हुए हैं. एक तरफ वे स्थापित साहित्यकार हैं, जिनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, वहीँ देश-विदेश की प्राय: अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में उनकी रचनाएँ प्रकशित हो चुकी हैं. उनके ब्लॉगों पर रवीश कुमार से लेकर डा. जाकिर अली रजनीश तक ने कलम चलाई है, वहीँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं ने उनके ब्लॉग की पोस्ट को कई बार अपने स्तंभों में प्रकाशित किया है.... फ़िलहाल ये ब्लॉगर दम्पति इसलिए पुनः चर्चा में हैं क्योंकि इनके ब्लॉगों को टॉप हिंदी ब्लॉग्स में शामिल किया गया है। 

 देश-विदेश में इंटरनेट पर हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार और ब्लागिंग के माध्यम से अपनी रचनाधर्मिता को विस्तृत आयाम देने वाले ब्लॉगर दम्पति राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा  यादव के ब्लॉग क्रमश: "डाकिया डाक लाया" (http://dakbabu.blogspot.in/) और "शब्द-शिखर" (http://shabdshikhar.blogspot.in/) को  टॉप हिंदी ब्लॉग्स में शामिल किया गया है। वर्ष 2008 से ब्लॉगिंग में सक्रिय एवम  ''दशक के श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर दम्पति'' और  सार्क देशों के सर्वोच्च ''परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान'' से सम्मानित  दम्पति के दोनों ब्लॉगों को इंडियन टॉप ब्लॉग्स द्वारा 2015-16 के  लिए हाल ही में जारी हिंदी के सर्वश्रेष्ठ 130 ब्लॉगों की डायरेक्टरी में स्थान दिया गया है। वर्तमान में हिंदी में एक लाख से ज्यादा ब्लॉग संचालित हैं।

 डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव  नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में सम्मानित हो चुके हैं। जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम (2015) के दौरान 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में  आकांक्षा यादव के ब्लॉग 'शब्द-शिखर'  को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा वर्ष  2012 में इस दम्पति को  ”न्यू मीडिया एवं ब्लाॅगिंग” में उत्कृष्टता के लिए ''अवध सम्मान'' से भी विभूषित किया जा  चुका  है। सौ से ज्यादा देशों में देखे-पढ़े जाने वाले इनके ब्लॉग 'डाकिया डाक लाया' और 'शब्द-शिखर' पर अब तक 738 और 512 पोस्ट प्रकाशित हैं।

ब्लॉगिंग के साथ-साथ कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव साहित्य और लेखन में भी सक्रिय हैं।  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ-साथ,  अब तक श्री यादव की 7 पुस्तकें और नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव की 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-दुनिया में शताधिक सम्मानों से विभूषित यादव दम्पति एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल  मीडिया के माध्यम से हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।





गुरुवार, 8 सितंबर 2016

सृष्टि को विनाश से बचने के लिए वृक्षारोपण जरुरी - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

 वृक्षारोपण मानव समाज का वैयक्तिक और सामाजिक दायित्व है। प्राचीन काल से ही मानव और वृक्षों का घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। मानवीय सभ्यता-संस्कृति के आरम्भिक विकास का पहला चरण भी वन-वृक्षों  की सघन छाया में ही उठाया गया। ऐसे में उनकी रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है। अपने और आने वाली पीढ़ी के जीवन को बचाने के लिए हमें वृक्षारोपण करना ही होगा। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में कहीं। इस अवसर पर श्री यादव ने पौधरोपण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 


डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वृक्ष कभी भी हमसे कुछ नहीं लेते, सिर्फ देते हैं।  ऐसे में यदि हर व्यक्ति अपने जीवन में एक पेड़ लगाने और उसे भरपूर समृद्ध करने का भी संकल्प ले ले तो पर्यावरण को सतत सुरक्षित किया जा सकता है। विद्यार्थियों और युवाओं को नैतिक शिक्षा के तहत वृक्षारोपण के बारे में बताने और उन्हें इस ओर प्रेरित करने पर भी श्री यादव ने जोर दिया। 

श्री यादव ने कहा कि हमारी परंपरा में एक वृक्ष को दस पुत्रों के सामान मन गया है, क्योंकि वृक्ष पीढ़ियों तक हमारी सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि  वृक्षारोपण और उनके रक्षण के  दायित्व का निर्वाह कर सृष्टि को भावी विनाश से बचाया जा सकता है । 

इस अवसर पर डाक विभाग  के तमाम अधिकारी  और कर्मचारी  उपस्थित रहे।

बुधवार, 7 सितंबर 2016

श्रीकृष्ण द्वारा गीता में कही बातों को कॉरपोरेट जगत भी अपना रहा - कृष्ण कुमार यादव

श्रीकृष्ण सिर्फ एक भगवान या अवतार भर नहीं थे।  इन सबसे आगे वह एक ऐसे पथ-प्रदर्शक और मार्गदर्शक थे, जिनकी सार्थकता  हर युग में बनी रहेगी।  उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। उक्त विचार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ  एवं चर्चित साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव ने यादव समाज, जोधपुर द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र, जोधपुर में 25 अगस्त, 2016  को आयोजित जन्माष्टमी  स्नेह मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। 

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस बात पर जोर दिया कि आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। राजनेताओं को उनकी विलक्षण राजनीति समझने की दरकार है और धर्म के प्रणेताओं, उपदेशकों को यह समझने की आवश्यकता है कि श्रीकृष्ण ने जीवन से भागने या पलायन करने या निषेध का संदेश कभी नहीं दिया। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है। यही कारण है कि भगवान श्री कृष्ण की स्तुति लगभग सारी दुनिया में किसी न किसी रूप में की जाती है। यहाँ तक कि वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्मनिरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं, वे भी निश्चित रूप से भगवदगीता से प्रभावित हैं। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण द्वारा गीता में कहे गए उपदेशों का हर एक वाक्य हमें कर्म करने और जीने की कला सिखाता है। अब तो कॉरपोरेट जगत भी मैनेजमेंट के सिद्धांतों को गीता से जोड़कर प्रतिपादित कर रहा है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे रेलवे वर्कशॉप जोधपुर में उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री सत्यवीर सिंह यादव ने कहा कि भगवान् श्री कृष्ण  के चरित्र में सर्वत्र समदर्शिता प्रकट होती है।  रिटायर्ड अतिरिक्त रजिस्ट्रार, सहकारी समिति जोधपुर संभाग श्री योगेन्द्र सिंह यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताते हुए उनके  जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यादव समाज, जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव ने कहा कि कृष्ण की सभी लीलाएँ कुछ न कुछ सन्देश देती हैं। उन लीलाओं को उनके आध्यात्मिक स्वरूप में ही समझा जा सकता है। यूथ हॉस्टल, जोधपुर के प्रबंधक ले. कर्नल (सेनि) प्रकाश चन्द्र यादव ने भी विचार व्यक्त किये।



कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने राजस्थान न्यायिक सेवा में चयनित (14 वीं रैंक) पूर्णिमा यादव सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। 

इस अवसर पर  प्रविंद्र यादव, डॉ. राम रतन यादव, मदन सिंह यादव, अरुण यादव, आनंद यादव, राजकुमार यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर यादव ने किया।
-राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल ब्लॉगhttp://yadukul.blogspot.com/

अखिलेश यादव ने पहलवान नरसिंह यादव को सी0बी0आई0 जांच का दिया भरोसा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पहलवान श्री नरसिंह यादव को रियो ओलम्पिक-2016 से जुड़ी घटना को भुलाकर आगे बढ़ने की सलाह दी है। उन्होंने श्री नरसिंह के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने भविष्य के लिए कठोर लक्ष्य निर्धारित कर और अधिक मेहनत करें, जिससे वे भविष्य में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक प्राप्त कर सकें।

 मुख्यमंत्री से 6 सितंबर, 2016 को उनके सरकारी आवास पर पहलवान श्री नरसिंह यादव ने मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि किसी एक घटना से निराश होने के बजाय उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उनके (श्री नरसिंह यादव के) मामले में समस्त तथ्यों की जांच सी0बी0आई0 से कराने का अनुरोध केन्द्र सरकार से करेगी, ताकि इस प्रकरण की गहराई से छानबीन हो सके और जो दोषी पाया जाए, उसके विरुद्ध कार्यवाही हो सके। उन्होंने कहा कि सी0बी0आई0 जांच से भविष्य में अन्य किसी खिलाड़ी के साथ इस प्रकार की घटना होने की सम्भावना क्षीण हो जाएगी।

ज्ञातव्य है कि पहलवान श्री नरसिंह यादव को कोर्ट आॅफ आर्बिट्रेशन फाॅर स्पोर्ट्स (सी0ए0एस0) द्वारा ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है.
-राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल ब्लॉगhttp://yadukul.blogspot.in/

बुधवार, 25 मई 2016

डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव गिरिराज सम्मान से हुए सम्मानित


प्रशासन के साथ-साथ हिंदी साहित्य और लेखन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ  श्री कृष्ण कुमार यादव को गगन स्वर प्रकाशन द्वारा " गिरिराज सम्मान -2016" से  सम्मानित किया गया। श्री यादव को यह सम्मान उनके रफी अहमद किदवई नेशनल पोस्टल एकेडमी, गाजियाबाद में प्रवास के दौरान गगन स्वर के सम्पादक ए. के मिश्र  ने शाल ओढ़ाकर, नारियल फल देकर  एवं प्रशस्ति पत्र देकर अभिनन्दन के साथ किया।  गौरतलब है कि श्री यादव को यह सम्मान गत माह हिंदी भवन, नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय साहित्यकार समारोह में पद्मभूषण डॉ. गोपाल दास नीरज द्वारा पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कुँवर बेचैन की सादर उपस्थिति में प्रदान किया जाना था।  पर अपनी व्यस्तताओं के चलते कार्यक्रम  शामिल न हो पाने पर डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव को यह सम्मान गाजियाबाद में उनके प्रवास के दौरान दिया गया। 

कार्यक्रम के संयोजक ए. के मिश्र  ने कहा कि, श्री कृष्ण कुमार यादव भारतीय डाक सेवा  के अत्यन्त ऊर्जस्वी और गतिमान युवा अधिकारी हैं। उच्च कोटि के चिंतक, लेखक एवं ब्लॉगर होने के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की साम्यता अद्भुत एवं विलक्षण है। आपने विभिन्न विषयों पर कुल 7 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें   'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह), India Post : 150 glorious years , 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' , ’जंगल में क्रिकेट’ (बाल-गीत संग्रह) एवं ’16 आने 16 लोग’(निबंध-संग्रह) शामिल हैं। श्री यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर भी एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर" (सं0 डाॅ0 दुर्गाचरण मिश्र) प्रकाशित हो चुकी  है। 

देश-विदेश से प्रकाशित तमाम पत्र पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर भी प्रमुखता से प्रकाशित होने वाले श्री कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ”विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान”,  साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, परिकल्पना समूह द्वारा ’’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दम्पति’’ सम्मान, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, वैदिक क्रांति परिषद, देहरादून द्वारा ‘’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान‘’, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा ’’पं0 बाल कृष्ण पाण्डेय पत्रकारिता सम्मान’’, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु तमाम सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।