बुधवार, 25 सितंबर 2013

संदीप तुलसी यादव ने सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य जीतकर रचा इतिहास

भारत के संदीप तुलसी यादव ने विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में 22 सितम्बर 13 को ग्रीको रोमन के 66 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रच दिया। संदीप ने कांस्य पदक के लिए मुकाबले में सर्बिया के एलेक्सांद्र मकसीमोविच को 4-0 से पराजित किया।भारत ने इस तरह फ्रीस्टाइल में दो पदक जीतने के बाद अब ग्रीको रोमन वर्ग में भी पदक जीतने की ऐतिहासिक कामयाबी हासिल कर ली। विश्व कुश्ती में ग्रीको रोमन में भारत को पहली बार पदक मिला है। इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2001 विश्व चैंपियनशिप में रहा था, जब मुकेश खत्री 54 किग्रा वर्ग में पांचवें स्थान पर रहे थे।संदीप ने भारत को इस विश्व चैंपियनशिप में तीसरा और इस प्रतियोगिता के इतिहास में कुल 10वां पदक दिला दिया। संदीप से पहले फ्रीस्टाइल वर्ग में अमित कुमार ने 55 किग्रा में रजत और बजरंग ने 60 किग्रा में कांस्य पदक जीता था। भारत का इस प्रतियोगिता में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। फ्रीस्टाइल पहलवान ओवरऑल टीम रैंकिंग में छठे स्थान पर रहे, जिससे भारत को अगले साल मार्च में होने वाले विश्व कप में पहली बार भाग लेने का मौका मिल गया।विश्व चैंपियनशिप के आखिरी दिन ग्रीको रोमन मुकाबलों में भारत के तीन पहलवान संदीप (66 किग्रा), राजवीर चिकारा (74 किग्रा) और नवीन (120 किग्रा) उतरे, लेकिन इनमें से सिर्फ संदीप ही पदक होड़ में पहुंचने में कामयाब रहे और उन्होंने कांस्य पदक जीतकर दम लिया। संदीप क्वार्टर फाइनल में कोरिया के पहलवान से पराजित हुए। लेकिन कोरियाई पहलवान के फाइनल में पहुंच जाने के कारण संदीप को कांस्य पदक के लिए रेपेचेज में उतरने का मौका मिला और इस मौके को उन्होंने हाथ से जाने नहीं दिया।संदीप को पहले राउंड में बाई मिली थी और उन्होंने दूसरे राउंड में स्पेन के इस्माइल नवारो सांचेज को पराजित किया। भारतीय पहलवान ने प्रीक्वार्टर फाइनल में मालदोवा के मिहेल कोस्निसियानू को पराजित किया। क्वार्टर फाइनल में संदीप को कोरिया के हान सू रयू से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कांस्य पदक की उम्मीदों के लिए संदीप को कोरियाई पहलवान के शेष मुकाबलों का इंतजार करना पड़ा।संदीप ने रेपेचेज के पहले मुकाबले में स्वीडन के श्रूर वरदान्यान को 6-4 से पराजित किया। कांस्य पदक के लिए अब संदीप की भिड़ंत सर्बिया के मकसीमोविच से थी, जिसमें उन्होंने जीत हासिल करते हुए भारतीय खेमे को एक बार फिर जश्न मनाने का मौका दिया।-राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल www.yadukul.blogspot.com/ 

गुरुवार, 19 सितंबर 2013

अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में ब्लागर दंपति कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा सम्मानित

इंटरनेट पर हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार और ब्लागिंग के माध्यम से देश-विदेश में अपनी रचनाधर्मिता को विस्तृत आयाम देने वाले ब्लागर दम्पति कृष्ण कुमार यादव और  आकांक्षा  यादव को काठमांडू, नेपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में क्रमशः ’’परिकल्पना साहित्य सम्मान’’ एवं ’’परिकल्पना ब्लाग विभूषण’’ से नवाजा गया। नेपाल की विषम राजनीतिक परिस्थितियों के चलते मुख्य अतिथि नेपाल के राष्ट्रपति डा0 राम बरन यादव की अनुपस्थिति में यह सम्मान नेपाल सरकार के पूर्व शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष अर्जुन नरसिंह केसी ने दिया। इस सम्मेलन में एकमात्र बाल ब्लागर के रूप में गल्र्स हाई स्कूल, इलाहाबाद की कक्षा 1 की छात्रा अक्षिता ने भी भाग लिया। 

इस अवसर पर यादव दम्पति सहित देश-विदेश के हिंदी, नेपाली, भोजपुरी, अवधी, छत्तीसगढ़ी, मैथिली आदि भाषाओं के ब्लागर्स को भी सम्मानित किया गया। परिकल्पना समूह द्वारा आयोजित यह समारोह 13-15 सितम्बर के मध्य काठमांडू के लेखनाथ साहित्य सदन, सोरहखुटे सभागार में हुआ। 

इस अवसर पर ’’न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार’’ सत्र में वक्ता के रूप में कृष्ण कुमार यादव ने बदलते दौर में न्यू मीडिया व ब्लागिंग व इसके सामाजिक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की, वहीं ’’साहित्य में ब्लागिंग की भूमिका’’ पर हुयी चर्चा को सारांशक रूप में आकांक्षा यादव ने मूर्त रूप दिया। 

गौरतलब है कि इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ कृष्ण कुमार यादव एवं उनकी पत्नी आकांक्षा यादव एक लंबे समय से ब्लाग और न्यू मीडिया के माध्यम से हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।