सोमवार, 9 मई 2011

माँ का आशीष...


माँ इस दुनिया में सबसे अनमोल रत्न होती है. कहते हैं ईश्वर ने अपनी प्रतिमूर्ति के रूप में माँ को इस धरती पर भेजा है. आइये हम सभी अपनी माँ का सम्मान करना सीखें.
वृद्धावस्था में भी माँ बोझ नहीं होती क्योंकि माँ का आशीष हमें हर-पल चाहिए होता है. जननी से बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं. भगवान श्री कृष्ण और श्री राम ने तो अपनी जननी के लिए काफी बिछोह सहा, नसीब वाले होते हैं, जिन्हें जननी का प्यार निरंतर मिलता है. इस प्यार को सहेजिये, यह हमारी अमूल्य पूंजी है. माँतृ दिवस पर 'माँ' को नमन !!

9 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

माँ के बिना जग ये सूना...सुन्दर प्रस्तुति..साधुवाद.

Unknown ने कहा…

माँ के बिना जग ये सूना...सुन्दर प्रस्तुति..साधुवाद.

निर्मला कपिला ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति। शुभकामनायें।

Akanksha Yadav ने कहा…

माँ के बारे में सुन्दर शब्द..अच्छा लगा पढ़कर.

Shahroz ने कहा…

मातृ दिवस पर सटीक पोस्ट..बधाई.

TerasYadav ने कहा…

माँ के बि³ाा ªाग Àाू³ाा, ªाब भी कûइÊ काम शुु÷ करû अप³ाी कû प्र¯ााम करû।
तेरÀा राम ¹ााद½ा, बिलाÀापुर (छ.ग.)
मû. 9893099318

TerasYadav ने कहा…

Maa ke bina subkuchh suna. jab bhi koi naya kam shuru karo maa ko prnam karke hi karo.
Teras Ram yadav

Bhanwar Singh ने कहा…

माँ के प्रति सुन्दर भाव.

KK Yadav ने कहा…

माँ से प्यारा कोई नहीं...माँ सब जानती है !!