मंगलवार, 9 मार्च 2010

व्यवस्था परिवर्तन के बहाने राजनीति की राह में बाबा रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव का मानना है कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए मौजूदा लचर व्यवस्था को राजनैतिक मौत देनी होगी। पूरे सिस्टम में आमूल-चूल बदलाव करना होगा। शायद इसीलिए बाबा रामदेव व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ भारत स्वाभिमान समिति के बैनर तले लोकसभा और देश की विधान सभाओं की सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करने का मन बना रहे हैं। बाबा रामदेव देश के मौजूदा नेतृत्व पर करारा प्रहार करते हुए कहते हैं कि भारत का नेतृत्व जितना कमजोर है, उतना किसी दूसरे राष्ट्र का नहीं है। इसीलिए व्यवस्था में परिवर्तन का बीड़ा भारत स्वाभिमान समिति ने उठाया है। बाबा के अनुसार, देश की राजनीति थानों से चल रही है। गरीब का दम निकल रहा है और अमीरों की तिजोरियां भर रही हैं। संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का समर्थन भी आप कर रहे हैं।

मेरठ में भारत स्वाभिमान न्यास एवं पतंजलि योग समिति के कार्यक्रम में भाग ले रहे बाबा ने कहा कि जब देश की युवा पीढ़ी में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का जज्बा है तो फिर सत्ता की कमान उनके हाथ में देने से गुरेज क्यों? सत्ता के शीर्ष पर ऐसे लोगों को बैठने का हक हो जो भ्रष्टाचार से छुटकारा दिला सकें, पर मुझे नहीं लगता कि आज किसी नेता में यह क्षमता रह गई है। बाबा रामदेव का कहना है कि देश दलाली और कमीशनखोरी की वजह से खोखला हो रहा है। रामदेव बोले, वह न राजनीति नहीं करेंगे और न किसी पद को हासिल करने की चाहत रखते हैं। बाबा के मुताबिक, वह पद के भूखे इसलिए नहीं है कि राजनीति के शीर्ष पर बैठे लोग खुद उनका चरण स्पर्श करते हैं। उनका मकसद देश की व्यवस्था सुधारना है।

9 टिप्‍पणियां:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बहुत अच्छा करने जा रहे हैं.

Padm Singh ने कहा…

सच तो ये है कि हम कहीं न कहीं वर्तमान व्यवस्था के आदी हो गए हैं. हमारा आत्मविश्वास और सत्य के लिया लड़ने की क्षमता कम हुई है . ऐसे में किसी सार्थक प्रयास को जाति धर्म और वर्ग से ऊपर उठ कर स्वागत करना चाहिए यही उचित है

Shyama ने कहा…

ये तो होना ही था.

बेनामी ने कहा…

अब मजा आयेगा. अंगूठा छाप होकर हम पर राज करते हैं. बाबा रामदेव सभी को सुधार देंगें.

Unknown ने कहा…

व्यवस्था में परिवर्तन का बीड़ा भारत स्वाभिमान समिति ने उठाया है। बाबा के अनुसार, देश की राजनीति थानों से चल रही है। गरीब का दम निकल रहा है और अमीरों की तिजोरियां भर रही हैं।
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सटीक विश्लेषण.

raghav ने कहा…

ये तो होना ही था..बढ़िया जानकारी.

मन-मयूर ने कहा…

बाबा हम भी आपके साथ है, बस रस्ते में ही न छोड़ दीजियेगा.

बेनामी ने कहा…

बाबा बातें ही नहीं राजनीति में काम भी करना पड़ेगा. फूलों की जगह जूते भी मिलते हैं. सोच-विचारकर राजनीति में आयें तो बेहतर होगा.

Unknown ने कहा…

आपको करोड़ों प्रणाम ।जय हिंद जय भारत ।