सोमवार, 17 अगस्त 2009

सामाजिक न्याय के पैरोकार: बी. पी. मंडल

स्वतन्त्रता पश्चात यादव कुल के जिन लोगों ने प्रतिष्ठित कार्य किये, उनमें बी0पी0 मंडल का नाम प्रमुख है। बिहार के मधेपुरा जिले के मुरहो गाँव में पैदा हुए बी0पी0 मंडल 1968 में बिहार के मुख्यमंत्री बने। 1978 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रूप में 31 दिसम्बर 1980 को मंडल कमीशन के अध्यक्ष रूप में इसके प्रस्तावों को राष्ट्र के समक्ष उन्होंने पेश किया। यद्यपि मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में एक दशक का समय लग गया पर इसकी सिफारिशों ने देश के समाजिक व राजनैतिक वातावरण में काफी दूरगामी परिवर्तन किए। कहना गलत न होगा कि मंडल कमीशन ने देश की भावी राजनीति के समीकरणांे की नींव रख दी। बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि बी0 पी0 मंडल के पिता रास बिहारी मंडल जो कि मुरहो एस्टेट के जमींदार व कांग्रेसी थे, ने ‘‘अखिल भारतीय गोप जाति महासभा’’ की स्थापना की और सर्वप्रथम माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड समिति के सामने 1917 में यादवों को प्रशासनिक सेवा में आरक्षण देने की माँग की। यद्यपि मंडल परिवार रईस किस्म का था और जब बी0पी0 मंडल का प्रवेश दरभंगा महाराज (उस वक्त दरभंगा महाराज देश के सबसे बडे़ जमींदार माने जाते थे) हाई स्कूल में कराया गया तो उनके साथ हाॅस्टल में दो रसोईये व एक खवास (नौकर) को भी भेजा गया। पर इसके बावजूद मंडल परिवार ने सदैव सामाजिक न्याय की पैरोकारी की, जिसके चलते अपने हलवाहे किराय मुसहर को इस परिवार ने पचास के दशक के उत्तरार्द्ध में यादव बहुल मधेपुरा से सांसद बनाकर भेजा। राष्ट्र के प्रति बी0पी0 मंडल के अप्रतिम योगदान पर 1 जून 2001 को उन पर डाक टिकट जारी किया गया।

4 टिप्‍पणियां:

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

Nice Post on Mandal Saheb.

Bhanwar Singh ने कहा…

मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में एक दशक का समय लग गया पर इसकी सिफारिशों ने देश के समाजिक व राजनैतिक वातावरण में काफी दूरगामी परिवर्तन किए...sahi likha apne.

Shyama ने कहा…

मंडल जी पर सारगर्भित जानकारी....मंडल कमीशन को अपने इतिहास की तस्वीर बना दिया.

Shyama ने कहा…
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